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What is Physics in hindi

 


भौतिकी वह विज्ञान है जो दुनिया में हमारे चारों ओर के संगठित और असंगठित वस्तुओं का अध्ययन करता है। यह शारीरिक विज्ञान है जो मूलतः गति, मात्रा, कार्य और ऊर्जा के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इस विज्ञान के अध्ययन से हम इस दुनिया को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं और विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकों के विकास में मदद कर सकते हैं।

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ध्वनि तरंग क्या होती है ? What is a sound wave?

  ध्वनि तरंग क्या होती है  ? What is a sound wave? ध्वनि तरंग (sound waves) 1.  ध्वनि तरंग अनुदैधर्य यांत्रिक तरंगें होती हैं. 2.  जिन यांत्रिक तरंगों की आवृत्ति 20Hz से 2000Hz के बीच होती है, उनकी अनुभूति हमें अपने कानों के द्वारा होती है, और इन्हें हम ध्वनि के नाम से पुकारते हैं. ध्वनि तरंगों का आवृत्ति परिसर: (i) अवश्रव्य तरंगें (infrasonic waves)   : 20Hz से नीचे से आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को अवश्रव्य तरंगें कहते हैं. इसे हमारा कान नहीं सुन सकता है. इस प्रकार की तरंगो को बहुत बड़े आकर के स्रोत्रों से उत्पन्न किया जा सकता  है. (ii) श्रव्य तरंगें  (audible waves) : 20Hz से 2000Hz के बीच की आवृत्ति वाली तरंगों को श्रव्य तरंगें कहते हैं. इन तरंगों को हमारा कान सुन सकता है. (iii) पराश्रव्य तरंगें (ultrasonic waves) :  2000Hz से ऊपर की तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है. मुनष्य के कान इसे नहीं सुन सकता है. परंतु कुछ जानवर जैसे :- कुत्ता,बिल्ली,चमगादड़ आदि, इसे सुन सकते है. इन तरंगों को गाल्टन की सीटी के द्वारा तथा दाब वैद्युत प्रभाव की विधि द्वारा क्वार्ट्ज के क्रिस्टल के कंपन्नों से

भौतिक विज्ञान क्या है ? What is Physics?

भौतिक विज्ञान क्या है ? What is Physics?      भौतिक विज्ञान,  विज्ञान की वह शाखा है, जिसमें ऊर्जा के विभिन्न स्वरूपों तथा द्रव्य से उसकी अन्योन्य क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। मात्रकों से जुड़े महत्‍वपूर्ण तथ्‍य मात्रक (unit) मात्रक (unit) किसी राशि के मापन ले निर्देश मानक को मात्रक (unit) कहते हैं. मात्रक दो प्रकार के होते हैं- मूल मात्रक (fundamental unit) और व्युतपन्न मात्रक (derived unit). S.I. पद्ध्यति में मूल मात्रक की संख्या 7 है- S.I. के सम्पूरक मूल मात्रक भौतिक राशि S.I. के मूल मात्रक संकेत लंबाई मीटर ( meter)  ( मी) द्रव्यमान किलोग्राम ( kilogram) Kg समय सेकंड ( second) s ताप केल्विन ( kelvin) K विद्युत धारा ऐम्प‍ियर ( ampere) A ज्योति तीव्रता कैंडेला ( candela) cd पदार्थ का परिमाण मोल ( mole) mol भौतिक राशि

भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न (Important questions of physics)

  भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण प्रश्न (Important questions of physics) 1. जल में तैरना न्यूटन की गति के कौन से नियम के कारण संभव है. उत्तर. तृतीय नियम 2. कृष्णा छिद्र (Block Hole) सिद्धांत को किसने प्रतिपादित किया था. उत्तर. एस. चंद्रशेखर 3. ज्योति फ्लक्स किसका मात्रक है. उत्तर. ल्युमेन का 4. कौन सी तरंगे शून्य में संचरण नहीं कर सकती . उत्तर.ध्वनि तरंगें 5. मानव आंख की रेटिना पर कैसा प्रतिबिंब बनता है. उत्तर. वास्तविक तथा उल्टा प्रतिबिंब 6. आंख के किस भाग द्वारा आंख में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा नियंत्रित होती है. उत्तर. आइरिस 7. जब प्रकाश की तरंगे वायु से कांच में होकर गुजरती है तब केवल किससे परितर्य प्रभावित होंगे . उत्तर. तरंगदैर्ध्य तथा वेग 8. पानी में डूबोई एक छड़ी किसके कारण मुड़ी हुई प्रतीत होती है . उत्तर. प्रकाश अपवर्तन संवृति 9. किसी तुल्यकाली उपग्रह की पृथ्वी की सतह से ऊंचाई लगभग कितनी होती है. उत्तर. 36,000 Km 10. जब कोई वस्तु दो समांतर समतल दर्पणों के बीच रखी जाती है तो तब बने हुए प्रतिबिंबों की कितनी संख्या होगी. उत्तर. अनंत संख्या 11. महासागर में डूबी हुई वस्तुओं क

पृष्ठ तनाव क्या होता है ? surface tension)

  पृष्ठ तनाव (surface tension) पृष्ठ तनाव (surface tension) :  द्रव के स्वतंत्र पृष्ठ में कम-से-कम क्षेत्रफल प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है, जिनके कारण उसका पृष्ठ सदैव तनाव की स्थिति में रहती है. इसे ही पृष्ठ तनाव कहते हैं. किसी द्रव का पृष्ठ तनाव वह बल है, जो द्रव के पृष्ठ पर खींची काल्पनिक रेखा की इकाई लंबाई पर रेखा के लंबवत कार्य करता है. यदि रेखा कि लंबाई (l) पर F बल कार्य करता है, तो पृष्ठ तनाव, T = F/l . पृष्ठ तनाव का S.I. मात्रक न्यूटन/मीटर होता है. द्रव के पृष्ठ के क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए, किया गया कार्य द्रव के पृष्ठ तनाव के बराबर होता है. इनके अनुसार पृष्ठ तनाव का मात्रक जूल/मीटर^२ होगा. द्रव का ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव कम हो जाता है और क्रांतिक ताप (critical temp) पर यह शून्य हो जाता है. संसंजक बल (cohesive force) :  एक ही पदार्थ के अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण-बल को संसंजक बल कहते हैं . ठोसों में संसंजक बल का मान अधिक होता है, फलस्वरूप उनके आकार निश्चित होते हैं. गैसों में संसंजक बल का मान नगण्य होता है. आसंजक बल (adhesive force) :  दो भिन्न पदार्थों के अ

गति (motion)

  गति (motion) गति (motion) अदिश राशि (scalar quantity ):  वैसी भौतिक राशि, जिनमें केवल परिमाण होता है. दिशा नहीं, उसे अदिश राशि कहा जाता है: जैसे - द्रव्यमान, चाल , आयतन, कार्य , समय, ऊर्जा आदि. नोट:  विद्युत धारा (current), ताप (temprature), दाब (pressure) ये सभी अदिश राशियां हैं. सदिश राशि (vector quantity) :  वैसी भौतिक राशि जिनमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी रहती है और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती हैं, उन्हें संदिश राशि कहते हैं: जैसे- वेग, विस्थपान, बल, त्वरण आदि. दूरी (distance) :  किसी दिए गए समयान्तराल में वस्तु द्वारा तय किए गए मार्ग की लंबाई को दूरी कहते हैं. यह एक अदिश राशि है. यह सदैव धनात्मक (+ve) होती हैं. विस्थापन (displacement) :  एक निश्चित दिशा में दो बिन्दुओं के बीच की लंबवत दूरी को विस्थापित कहते है. यह सदिश राशि है. इसका S.I. मात्रक मीटर है. विस्थापन धनात्मक, ऋणात्मक और शून्य कुछ भी हो सकता है. चाल (speed) :  किसी वस्तु के विस्थापन की दर को चाल कहते हैं. अथार्त चाल = दूरी / समय यह एक अदिश राशि है. इसका S.I. मात्रक मी./से. है. वेग (velocity ) :  किसी

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कार्य, शक्ति तथा उर्जा की परिभाषा क्या होती है ? What is definition of Work, power and energy ?

  कार्य, शक्ति तथा उर्जा  की परिभाषा क्या  होती है  ? What is definition of Work, power and energy ? कार्य:  विज्ञान में हम उन सब कारणों को कार्य कहते हैं, जिनमें किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु की स्थिति में परिवर्तन हो जाता है। किसी वस्तु पर जितना अधिक बल लगाया जाता है तथा जितना अधिक वस्तु की स्थिति में विस्थापन होता है, कार्य उतना ही अधिक होता है। अत: कार्य की माप लगाये गये बल तथा बल की दिशा में वस्तु के गुणनफल के बराबर होती है। अर्थात् कार्य = बल × बल की दिशा में विस्थापन यदि किसी पिण्ड पर F बल लगाने से पिण्ड में बल की दिशा में ΔS विस्थापन हो तो बल द्वारा किया गया कार्य W = F x ΔS यदि बल F, पिण्ड के विस्थापन की दिशा में होकर उससे θ कोण बना रहा हो, तब किया गया कार्य W = F Cosθ × ΔS क्योंकि F Cosθ, विस्थापन की दिशा में बल का घटक है। यदि θ=90° तो Cosθ=0 W =0, अर्थात् यदि विस्थापन बल की दिशा के लम्बवत् है तो कोई कार्य नहीं होता। यदि कोई कुली अपने सिर पर ट्रक रखे प्लेटफार्म पर टहल रहा हो तो कोई कार्य नहीं कर रहा है (क्योकि उसका विस्थापन गुरुत्वीय बल के लम्बवत् है)। इसी प्रकार जब कोई उपग

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आधुनिक एवं परमाणु भौतिकी (Modern and nuclear physics)

  आधुनिक एवं परमाणु भौतिकी (Modern and nuclear physics)      परमाणु के सूक्ष्मतम कण है, जो रासायनिक क्रिया में भाग ले सकते हैं, परंतु स्वतंत्र अवस्था में नहीं रह सकते. परमाणु मुख्यतः तीन मूल कणों इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन एवं न्यूट्रॉन से मिलकर बना होता है. रेडियो सक्रियता रेडियो सक्रियता की खोज फ्रेंच वैज्ञानिक हेनरी बेकुरल, एम क्युरी ने तथा पी क्यूरी ने की. खोज के लिए इन तीनों को संयुक्त रुप से नोबेल पुरस्कार मिला. जिन नाभिक में प्रोटॉन की संख्या 83 या उससे अधिक होती है, वे अस्थायी होते हैं. स्थायित्व प्राप्त करने के लिए वह नाभिक स्वत:ही अल्फा, बीटा एवं गामा किरण उत्सर्जित करने लगते हैं. इन्हें रेडियो सक्रिय किरण कहते हैं. रोबोट पियरे एवं उसकी पत्नी मैडम क्यूरी ने नए रेडियो सक्रिय तत्व रेडियम की खोज की. नाभिकीय रिएक्टर नाभिकीय रिएक्टर एक ऐसी युक्ति है, जो नाभिकीय विखंडन से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग विद्युत ऊर्जा के उत्पादन में करता है. रिएक्टर में ईंधन के रूप में यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 का प्रयोग किया जाता है. रिएक्टर में मंदक के रूप में भारी जल या ग्रेफाइट का प्रयोग किया जाता है. रिएक

कार्य, शक्ति तथा उर्जा की परिभाषा क्या होती है ? What is definition of Work, power and energy ?

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भौतिक विज्ञान क्या है ? What is Physics?

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