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स्थिर विद्युत क्या होती है ? what is static electricity ?

 

स्थिर विद्युत  क्या होती है  ?  what is static electricity ?


यह एक प्रकार की ऊर्जा है। जिस प्रकार पानी के एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहने को पानी की धारा कहा जाता है, उसी प्रकार विद्युत आवेश जब एक स्थान से दूसरे स्थान तक बहने लगता है, तो इसे हम विद्युत की धारा कहते हैं।

यदि आवेश एक ही स्थान पर स्थिर रहे तो इसे स्थिर विद्युत कहा जाता है।

यदि एक कंघी को किसी रेशम या ऊन के सूखे कपड़े से कुछ समय तक रगड़ा जाये तो यह कंघी कागज़ के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर आकर्षिक करने लगती है। ऐसा इसलिये होता है कि रेशम या ऊन से रगड़ने पर कंघी में विद्युत आवेश आ जाता है।

विद्युत आवेश दो प्रकार का होता है। एक को ऋण आवेश तथा दूसरे को धन आवेश कहते हें।

धन आवेशः-काॅच की छड़ पर रेशम के कपड़े से रगड़ने से उत्पन्न आवेश को धन आवेश(charge) कहते है।

ऋण आवेशः-एबोनाईट की छड़ पर फलालेन के कपड़े से रगड़ने से उत्पन्न आवेश को ऋण आवेश कहते है।

विद्युत क्षेत्रः-किसी आवेश के चारो ओर का वह क्षेत्र जहाॅ तक उसके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है, उस आवेश का विद्युत क्षेत्र (electric field)कहलाता है।

चालकः-वे पदार्थ जिनमें इलेक्ट्रानों की संख्या बहुत अधिक होती है चालक(Conductor) कहलाते है। इनमें विद्युत का चालन सम्भव होता है। उदाहरणः- Al, Ag, Cu

कुचालक या विद्युतरोधीः-वे पदार्थ जिनमें इलेक्ट्रानों की संख्या बहुत कम(लगभग नगण्य) होती है कुचालक या विद्युतरोधी(Insulator) कहलाते है। इनमें विद्युत का चालन सम्भव नहीं होता है। उदाहरणः- लकड़ी,काॅंच, एबोनाईट

अर्द्धचालकः-वे पदार्थ जिनमें इलेक्ट्रानों की संख्या न तो बहुत अधिक और न ही बहुत कम होती है अर्द्धचालक(Semiconductor) कहलाते है। इनमें उच्च ताप पर ही विद्युत का चालन सम्भव होता है। उदाहरणः-Si, Ge

विद्युत बल रेखाः-विद्युत क्षेत्र में खींचा गया वह काल्पनिक वक्र जिसके किसी बिन्दु पर खींची गई स्पर्श रेखा उस बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा प्रदर्शित करती है।

कुलाम का नियम

कूलाम नियम विधुत आवेशों के बीच लगने वाले स्थिरवीधुत बल के बारे में एक नियम है जिसे कूलम्ब नामक फ्रांसिस scientist ने 1790 के दशक में प्रतिपादित किया था ।यह नियम विद्युत चुम्बकत्व के सिद्धान्त के विकास के लिए आधार का काम किया ।यह नियम अदिश रूप में या सादिस रूप ब्यक्त किया जा सकता है । अदिश रूप में यह नियम निम्नलिखित है।

“दो बिंदु आवेशों के बीच लगने वाले स्थिरवीधुत बल का मान उन आवेशों के गुणनफल के समाँनुपाती होती है। तथा उन आवेशो के बीच के दुरी के वर्ग ब्यूतक्रमानुपाती होता है।

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